कासरगोड़ दीपस्तंभ

KASARGOD LIGHTHOUSE

कासरगोड, स्वतंत्रता से पूर्व प्रत्‍यक्ष रूप से ब्रिटिश प्रशासन के अधीन मद्रास प्रेसीडेंसी के दक्षिण केनरा जिले का हिस्सा था। दिनांक 1 नवंबर 1956 को राज्यों के पुनर्गठन के पश्‍चात इसे नव निर्मित केरल राज्य में शामिल किया गया था। कासरगोड, रेल (दक्षिण रेल) और सड़क (एनएच-17) के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वर्तमान से पहले कासरगोड में कोई दीपस्तंभ मौजूद नहीं था। बंदरगाह के प्रवेश द्वार की पहचान, दो मस्तूलों - प्रत्येक पर एक सफेद गेंद लगी हुई थी, से की जाती थी। वर्तमान आरसीसी दीपस्तंभ टॉवर का निर्माण वर्ष 1982 के दौरान प्रारंभ किया गया था और वर्ष 1984 में संपूर्ण हुआ था। मेसर्स ए एन ए, नई दिल्ली द्वारा उपलब्‍ध कराए गए पीआरबी-21 उपकरण को स्थापित किया गया था और 15 सितंबर 1984 को सेवा में चालू किया गया था। सीलबंद बीम लैंप को दिसंबर 1994 में हैलोजन लैंप ऑटो हेडलाइटस में परिवर्तित किया गया था। मार्च 2009 में पीआरबी 21 उपकरण को मेसर्स टाइडलैंड के टीआरबी 220 से प्रतिस्‍थापित किया गया था।

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