कड़मत दीपस्तंभ
अमिनी द्वीप के उत्तर में कड़मत द्वीप में, कड़मत दीपस्तंभ स्थित है। दो किमी चौड़े गहरे समुद्री चैनल के द्वारा दोनों द्वीप आपस में पृथक हुए हैं। कड़मत एक लंबी पट्टी वाला द्वीप है जिसकी लंबाई 8 किमी और औसत चौड़ाई 500 मीटर की है। एंड्रोत और मिनिकॉय के पश्चात, नारियल पेड़ों की सघनता वृद्धि वाला कड़मत द्वीप है। वर्ष 1977 में इस द्वीप की चट्टानों पर एक जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। नियमित लंगरगाह दक्षिणी सिरे से दूर बनाया गया है। लैगून में प्रवेश और फिर जेटी तक के नौचालन के लिए लगभग एक घंटे से अधिक समय लगता है। कोचीन से यात्री जहाज प्राय: प्रत्येक सप्ताह में आता है। कड़मत दीपस्तंभ, कड़मत जेट्टी से लगभग 4.5 किमी की दूरी पर है। दीपस्तंभ पहुँचने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जा सकती है। विद्यमान दीपस्तंभ से पूर्व, द्वीप पर कोई दीपस्तंभ उपलब्ध नहीं था, हालांकि काफी लंबे समय से दीपस्तंभ के संस्थापन की मांग की जा रही थी। वर्ष 1983 में द्वीप के उत्तरी सिरे पर दीपस्तंभ उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया था। तदनुसार 30 मीटर जी.आई. मेसर्स केरल इलेक्ट्रिकल एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, कोचीन द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रेसल टावर को स्थापित किया गया था और मद्रास दीपस्तंभ वर्कशॉप द्वारा आपूर्ति किए गए 300 मिमी उपकरण को टावर पर संस्थापित किया गया था। डीए गैस उपकरण दिनांक 28 मई 1984 को प्रचालिनत किया गया था। आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अधीन डीए गैस उपकरण को जेएलडब्ल्यूएल उपकरण से प्रतिस्थापित कर सौर पैनलों द्वारा चार्ज की गई बैटरी पर चलने वाले 'ज्योति पुंज' इलेक्ट्रॉनिक फ्लैशर का उपयोग किया गया था।
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