मनकोड्डम दीपस्तंभ
मनक्कोदम दीपस्तंभ, कोचीन से लगभग 40 किमी दक्षिण में और राष्ट्रीय राजमार्ग - 47 पर पट्टनकड़ से 8 किमी दूरी पर है। दीपस्तंभ तक पक्की सड़क उपलब्ध है। दीपस्तंभ के सम्मुख एक छिछली खाड़ी है, जो मछली पकड़ने का मुख्य स्रोत है। क्षेत्र में झींगा पालन हेतु खारे पानी की नहरों और तालाबों का एक नेटवर्क विकसित किया गया है। आजादी से पहले यह क्षेत्र त्रावणकोर राज्य का हिस्सा था। दिनांक 1 नवंबर 1956 को त्रावणकोर राज्य का केरल राज्य में विलय कर दिया गया था। इस दीपस्तंभ से पूर्व, इस क्षेत्र में नौचालन की सहायतार्थ की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसका मुख्य उद्देश्य तटीय पोत परिवहन की सहायता करना है। पहली बार वर्ष 1972 में 30 मीटर बेलनाकार टॉवर की योजना बनाई गई थी, जिसे कमजोर उपस्तर के कारण नींव के कुओं पर भार को कम करने हेतु एक सर्विस रूम का समर्थन करने वाले चार स्तंभीय आरसीसी संरचना में परिवर्तित करना पड़ा था। परियोजना के पूरा होने में काफी देरी हुई। यह टावर वर्ष 1979 में पूरा हो सका और मेसर्स जे. स्टोन, भारत द्वारा आपूर्ति किए गए उपकरण इस पर स्थापित किए गए थे। दीपस्तंभ को दिनांक 1 अगस्त 1979 को प्रचालित कर दिया गया था। इसके पश्चात, दिनांक 21 सितंबर 1998 को तापदीप्त लाइट स्रोत को 230 V 400W मेटल हैलाइड लैंप से प्रतिस्थापित कर दिया गया था और साथ ही डायरेक्ट ड्राइव सिस्टम को भी एकीकृत किया गया था। 22 नवंबर 2006 को 400W मेटल हैलाइड लैंप को 230V, 150W-3 नं के समूह से बदल दिया गया।/p>
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