पोर्टब्लेयर के बारे में
हिन्द महासागर के उत्तर-पूर्वी छोर पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं, जिसका फैलाव उत्तर में ईस्ट आईलैंड से लेकर दक्षिण में दक्षिणी छोर पर इंदिरा प्वाइंट तक है। अंडमान और निकोबार प्रशासन द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में उत्तर में ईस्ट आईलैंड से लेकर दक्षिण में इंदिरा प्वाइंट तक के क्षेत्र में कुल 836 द्वीप/ टापू / रॉकी आउटक्रॉप अवस्थित हैं। उत्तरी भाग के द्वीपों को अंडमान और दक्षिणी भाग के द्वीपों को निकोबार के रूप में जाना जाता है, टेन डिग्री चैनल नामक एक विस्तृत मार्ग इन दोनों समूहों को पृथक किया गया है। जल परिवहन प्रणाली के माध्यम से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अन्य द्वीपों और मुख्यभूमि से संपर्क बनाए हुए है। इस क्षेत्र के सभी बसे हुए सभी लोगों के लिए भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति इस परिवहन प्रणाली के माध्यम से की जाती है और इसके ही कारण सभी द्वीप भी आपस में जुड़े हुए है। इसके अतिरिक्त द्वीपों के संदर्भ में पर्यटन ही प्रमुख आर्थिक गतिविधि है और जो मूलत: सुरक्षित जल परिवहन प्रणाली पर ही पूर्णत: निर्भर है।
अपनी विशाल तटीय लंबाई के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह मछली पकड़ने की गतिविधियों में अत्यधिक सक्रिय है। अंडमान द्वीप समूह का वाणिज्यिक मत्स्य पालन व्यापार मोटर चालित और गैर-मोटर चालित पोतों की सहायता से बहुत तेजी से बढ़ा है।
अब सभी द्वीपों के मध्य प्रचालित यात्री जहाजों, मछली पकड़ने वाले जहाजों, मालवाहक पोतों अथवा किसी अन्य जल परिवहन प्रणाली जैसे सभी प्रकार जहाजों के सुरक्षित नौचालन की स्थिति को बनाए रखने हेतु दीपस्तंभ और दीपपोत निदेशालय, पोर्ट ब्लेयर विभिन्न नौचालन सहायताओं की सेवाएं प्रदान करता है। पोर्ट ब्लेयर निदेशालय के अधीन नौचालन सहायताओं के रूप में 36 दीपस्तंभ, 07 एनएआईएस, 03 डीजीपीएस, 01 एनएवीटेक्स, 05 रैकोन, 01 बोया सम्मिलित हैं।
दीपस्तंभ और दीपपोत निदेशालय, पोर्ट ब्लेयर का कार्यालय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन, अधीनस्थ कार्यालय, दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय (डीजीएलएल) का एक क्षेत्रीय निदेशालय है।